Digital Agriculture Mission – देश भर के किसान अब बनेंगे डिजिटल ड्रोन से होगी खेती

डिजिटल कृषि मिशन: भविष्य की सोच

भारत, एक कृषि प्रधान देश होने के नाते, अपनी अधिकांश आबादी की आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। लेकिन समय के साथ-साथ, कृषि क्षेत्र में कई चुनौतियाँ उत्पन्न हुई हैं, जैसे कम उत्पादकता, प्राकृतिक आपदाएँ, जलवायु परिवर्तन, और किसानों की आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने विभिन्न पहलें की हैं, जिनमें से एक प्रमुख पहल है “डिजिटल कृषि मिशन” (Digital Agriculture Mission)।

Digital Agriculture Mission

डिजिटल कृषि मिशन का परिचय

डिजिटल कृषि मिशन (DAM) 2021-2025, भारत सरकार द्वारा एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र को डिजिटल तकनीकों और डेटा संचालित समाधानों के माध्यम से सशक्त करना है। इसका लक्ष्य कृषि में उत्पादकता बढ़ाने, आपूर्ति श्रृंखला को सुगम बनाने और किसानों की आय में सुधार लाना है।

इस मिशन के तहत, सरकार ने कई डिजिटल प्लेटफार्म और उपकरण विकसित किए हैं, जिनसे किसानों को अधिक सटीक और समयबद्ध जानकारी प्राप्त हो सके और वे बेहतर निर्णय ले सकें। यह मिशन कृषि क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे भारत को एक आत्मनिर्भर कृषि अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी।

डिजिटल कृषि मिशन के उद्देश्य

डिजिटल कृषि मिशन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  1. डेटा संचालित कृषि:
    कृषि के सभी पहलुओं में डेटा का उपयोग करना, जैसे कि बीज की गुणवत्ता, मिट्टी की उर्वरता, मौसम की जानकारी, और बाजार की स्थिति। यह किसानों को सही समय पर सटीक निर्णय लेने में मदद करता है।
  2. प्रौद्योगिकी का उपयोग:
    कृषि क्षेत्र में उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग, जैसे कि ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी, IoT (Internet of Things), और AI (Artificial Intelligence), ताकि किसानों की उत्पादकता और कृषि दक्षता में सुधार हो सके।
  3. किसानों की आय में वृद्धि:
    किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करना, साथ ही उन्हें बेहतर बाजार दरों पर अपने उत्पाद बेचने में सक्षम बनाना।
  4. संपूर्ण कृषि आपूर्ति श्रृंखला का डिजिटलीकरण:
    कृषि उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक की पूरी आपूर्ति श्रृंखला को डिजिटल माध्यमों से जोड़ना, जिससे पारदर्शिता और कुशलता बढ़े।

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डिजिटल कृषि मिशन के प्रमुख घटक

डिजिटल कृषि मिशन के अंतर्गत कई प्रमुख घटक शामिल हैं, जो इसे सफल बनाने में मदद करते हैं:

  1. फार्मर डेटाबेस:
    सरकार ने 5 करोड़ से अधिक किसानों का डेटाबेस तैयार किया है, जिसमें उनके भूमि रिकॉर्ड, फसल का विवरण, और अन्य कृषि संबंधित जानकारी शामिल है। इस डेटा का उपयोग विभिन्न योजनाओं और सेवाओं को बेहतर तरीके से लागू करने में किया जा सकता है।
  2. किसान पोर्टल और ऐप्स:
    किसानों के लिए विशेष पोर्टल और मोबाइल ऐप्स विकसित किए गए हैं, जिनके माध्यम से वे कृषि से संबंधित जानकारी, योजनाओं का लाभ, और बाजार की स्थिति जान सकते हैं। उदाहरण के लिए, “किसान रथ” ऐप, जो किसानों को अपनी फसलों को परिवहन के लिए सुविधाजनक साधन ढूंढने में मदद करता है।
  3. ड्रोन और सेंसर तकनीक:
    खेतों की निगरानी के लिए ड्रोन और सेंसर का उपयोग किया जा रहा है। इससे मिट्टी की उर्वरता, फसल की स्थिति, और जल प्रबंधन में सुधार होता है।
  4. स्मार्ट कृषि उपकरण:
    किसानों को उन्नत कृषि उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं, जो सटीक खेती (Precision Farming) में मदद करते हैं। इससे न केवल लागत कम होती है, बल्कि उत्पादन में भी सुधार होता है।
  5. ब्लॉकचेन तकनीक:
    कृषि उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इससे किसानों और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास बढ़ता है।

डिजिटल कृषि मिशन के लाभ

डिजिटल कृषि मिशन से कृषि क्षेत्र को कई महत्वपूर्ण लाभ हो सकते हैं:

  1. उत्पादकता में वृद्धि:
    डिजिटल तकनीकों के उपयोग से खेती में उत्पादकता में सुधार हो सकता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और मात्रा में वृद्धि होती है।
  2. कृषि में दक्षता:
    स्मार्ट उपकरण और डेटा संचालित निर्णयों के माध्यम से कृषि प्रक्रिया में दक्षता बढ़ती है, जिससे लागत में कमी आती है और उत्पादन में सुधार होता है।
  3. किसानों की आय में वृद्धि:
    बेहतर बाजार पहुंच और मूल्य निर्धारण से किसानों की आय में वृद्धि होती है। साथ ही, किसानों को अपनी फसलों का सही मूल्य मिलता है।
  4. पारदर्शिता और ट्रैकिंग:
    ब्लॉकचेन और अन्य डिजिटल साधनों से आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता आती है, जिससे उत्पादों की ट्रैकिंग और निगरानी आसान हो जाती है।
  5. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना:
    डिजिटल तकनीकों के माध्यम से किसानों को मौसम की जानकारी समय पर मिलती है, जिससे वे प्राकृतिक आपदाओं से बचाव कर सकते हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम कर सकते हैं।

डिजिटल कृषि मिशन: चुनौतियाँ

हालांकि डिजिटल कृषि मिशन एक प्रगतिशील पहल है, लेकिन इसे लागू करने में कई चुनौतियाँ भी सामने आती हैं:

  1. डिजिटल साक्षरता की कमी:
    ग्रामीण इलाकों में कई किसानों को डिजिटल उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करना नहीं आता, जिससे उनके लिए इस मिशन का लाभ उठाना कठिन हो जाता है।
  2. इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी:
    इंटरनेट और बिजली की अपर्याप्त सुविधा भी डिजिटल कृषि मिशन के लिए एक बड़ी चुनौती है, खासकर दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में।
  3. डाटा की सुरक्षा:
    किसानों के डाटा की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यदि डाटा का दुरुपयोग होता है, तो इससे किसानों की गोपनीयता पर संकट आ सकता है।
  4. वित्तीय चुनौतियाँ:
    डिजिटल उपकरणों और तकनीकों की लागत ऊंची होती है, जिससे छोटे और सीमांत किसान इनका उपयोग नहीं कर पाते हैं।

डिजिटल कृषि मिशन का भविष्य

डिजिटल कृषि मिशन का भविष्य उज्जवल दिखाई देता है, बशर्ते कि इन चुनौतियों का समाधान किया जाए। यदि मिशन को सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि देश की कृषि क्षेत्र में एक क्रांति भी आ सकती है।

सरकार और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी के माध्यम से, डिजिटल तकनीकों को और अधिक व्यापक रूप से अपनाया जा सकता है। साथ ही, किसानों को डिजिटल साक्षरता में सुधार करने और उन्हें नई तकनीकों के उपयोग के लिए प्रशिक्षित करने की भी आवश्यकता होगी।

निष्कर्ष

डिजिटल कृषि मिशन एक दूरदर्शी पहल है, जो भारतीय कृषि को 21वीं सदी के अनुरूप बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह मिशन न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगा, बल्कि देश की कृषि उत्पादकता में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। हालांकि, इस मिशन को सफल बनाने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र, और किसानों के बीच समन्वय और सहयोग की आवश्यकता होगी।


डिजिटल कृषि मिशन के प्रमुख घटकों का सारांश

घटकविवरण
फार्मर डेटाबेस5 करोड़ से अधिक किसानों की जानकारी का संग्रहण
किसान पोर्टल और ऐप्सकृषि संबंधित जानकारी और योजनाओं का लाभ देने वाले पोर्टल और ऐप्स
ड्रोन और सेंसर तकनीकखेतों की निगरानी और फसल की स्थिति का आकलन
स्मार्ट कृषि उपकरणसटीक खेती में सहायक उपकरण
ब्लॉकचेन तकनीकआपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता और सुरक्षा

डिजिटल कृषि मिशन के साथ, भारत के किसान आने वाले समय में अधिक उत्पादक और आत्मनिर्भर हो सकते हैं। इस पहल के सफल होने से भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिल सकती है।

केंद्र सरकार ने हाल ही में किसानों की भलाई के लिए 7 प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें 14,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश शामिल है। इनमें डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन, फसल विज्ञान, टिकाऊ पशुधन स्वास्थ्य, बागवानी विकास, और कृषि शिक्षा को सशक्त बनाने वाली योजनाएँ प्रमुख हैं।

इसके अलावा, गुजरात में सेमीकंडक्टर इकाई और मुंबई-इंदौर के बीच नई रेलवे लाइन परियोजना को भी मंजूरी दी गई। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि और उनकी जीवनशैली में सुधार करना है।

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