भारत में बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से 22 जनवरी 2015 को ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ (SSY) की शुरुआत की गई। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा और विवाह के लिए धनराशि को सुरक्षित रखना है। यह योजना विशेष रूप से उन परिवारों के लिए बनाई गई है, जो अपनी बेटियों के भविष्य के लिए आर्थिक रूप से सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं।
योजना की विशेषताएं
सुकन्या समृद्धि योजना एक छोटी बचत योजना है, जो केवल बालिकाओं के लिए उपलब्ध है। इसमें बालिका के नाम से खाता खोला जाता है, जिसमें नियमित रूप से पैसे जमा किए जाते हैं। यह खाता बालिका की उम्र 10 साल तक खुल सकता है और खाता खोलने के बाद इसे 21 साल तक संचालित किया जा सकता है।
इस योजना के अंतर्गत निवेश पर अच्छा ब्याज दर मिलता है, जो समय-समय पर सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। वर्तमान में यह ब्याज दर 7.6% प्रति वर्ष (Q3 2023-24) है।
सुकन्या समृद्धि खाता कैसे खोलें?
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने के लिए किसी भी नजदीकी डाकघर या अधिकृत बैंक शाखा में आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता या कानूनी संरक्षक का पहचान प्रमाण और निवास प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक है। खाता खोलने के समय न्यूनतम 250 रुपये जमा करना अनिवार्य है।
खाते में हर साल न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। जमा की गई राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट प्राप्त होती है।
आप सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में अधिक जानकारी और ऑनलाइन खाता खोलने के लिए भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
सुकन्या समृद्धि योजना – आधिकारिक वेबसाइट
सुकन्या समृद्धि योजना: बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण योजना
योजना के लाभ
- उच्च ब्याज दर: अन्य छोटी बचत योजनाओं की तुलना में सुकन्या समृद्धि योजना में उच्च ब्याज दर प्रदान की जाती है।
- कर लाभ: इसमें निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर छूट का लाभ मिलता है।
- लचीली जमा राशि: इसमें हर साल न्यूनतम 250 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं।
- परिपक्वता पर राशि: खाता खोलने के 21 वर्ष बाद या बालिका की शादी के समय (18 साल के बाद) राशि निकाली जा सकती है।
योजना की शर्तें
- खाता केवल बालिका के नाम पर ही खोला जा सकता है।
- एक परिवार में अधिकतम दो बालिकाओं के लिए खाता खोला जा सकता है। हालांकि, जुड़वा या तीन बच्चियों के मामले में छूट मिलती है।
- खाता खोलने के बाद 15 वर्षों तक इसमें जमा करना अनिवार्य है।
- बालिका की उम्र 18 वर्ष होने पर खाते से 50% राशि निकाली जा सकती है, बशर्ते वह उच्च शिक्षा के लिए उपयोग हो।
सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर तालिका
वित्तीय वर्ष | ब्याज दर (%) |
---|---|
2015-16 | 9.2% |
2016-17 | 8.6% |
2017-18 | 8.1% |
2018-19 | 8.5% |
2019-20 | 8.4% |
2020-21 | 7.6% |
2021-22 | 7.6% |
2022-23 | 7.6% |
सुकन्या समृद्धि योजना के निवेश की तुलना अन्य योजनाओं से
योजना का नाम | ब्याज दर (%) | कर छूट | निवेश की अवधि |
---|---|---|---|
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) | 7.6% | धारा 80C | 21 साल |
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) | 7.1% | धारा 80C | 15 साल |
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) | 6.8% | धारा 80C | 5 साल |
किसान विकास पत्र (KVP) | 7.5% | नहीं | 124 महीने |
योजना के तहत राशि निकासी
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने के 21 वर्षों के बाद ही पूरा खाता बंद किया जा सकता है। खाता बंद करने पर जमा की गई राशि और उस पर अर्जित ब्याज एकमुश्त प्राप्त होगा। हालांकि, यदि बालिका की उम्र 18 वर्ष पूरी हो चुकी है और वह उच्च शिक्षा के लिए धनराशि की आवश्यकता है, तो खाताधारक 50% राशि निकाल सकता है।
बालिका की शादी होने के समय खाता बंद कर राशि प्राप्त की जा सकती है, बशर्ते खाता कम से कम 18 साल की उम्र तक संचालित हो चुका हो।
योजना की समाप्ति
अगर खाता खोलने के 21 साल पूरे हो गए हैं या बालिका की शादी हो गई है, तो खाता बंद हो जाता है और सारी राशि निकाल ली जाती है। खाता समय से पहले बंद करने की अनुमति केवल विशेष परिस्थितियों, जैसे खाताधारक की मृत्यु या किसी गंभीर बीमारी के मामले में ही दी जाती है।
निष्कर्ष
सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार द्वारा बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उनके जीवन को आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार साबित होती है। यह योजना सभी माता-पिता के लिए एक आदर्श विकल्प है, जो अपनी बेटियों के लिए सुरक्षित और लाभकारी निवेश करना चाहते हैं।
इस योजना में निवेश करने से न केवल बेटियों का भविष्य सुरक्षित होता है, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित होता है। सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना नहीं है, बल्कि बेटियों के जीवन को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाना भी है।